- लेखपाल अपने अधिकार की बात तो कर रहे है लेकिन उन लेखपालो के बारे में उनकी क्या सोच है जो किसानो या भूमालिको से पैमाइश के लिए २००से ५०० रुपये लेते है.
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भ्रष्टाचार विरोधी मंच
Sardar Bhagat Singh
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Monday 26 December 2011
Saturday 24 December 2011
एक गरीब और नेताजी
क्या तुम मिलना चाहोगे उस गरीब से,
जिसने देखा है नेताजी को करीब से,
प्रेम नगर को जाने वाली इक रैली थी
मेरी भी एंट्री उसमे पहली पहली थी
राम खेलावन यादव की ट्रेक्टर ट्राली थी
लगभग एक बज गया पर अब तक खाली थी
मैंने कहा खेलावन भैया कब जायेंगे
चल देंगे जैसे ही परचा चिपकायेंगे
मंगरू, पुत्तन, भुर्रा, गुड्डू सब आये हैं
नेता जी से आज मिलेंगे हर्षाये हैं
परचा को चिपकाकर बोले लाल बिहारी
चलने की अब तुम सब कर लो तैयारी
हांथों में पार्टी का झंडा, जोर से सब करते आवाज
राजनितिक पार्टी जिंदाबाद -२
प्रेम नगर में जाकर करते इंतजार है
नेताजी कब आयेंगे सब बेक़रार है
कुछ ही पल में नेता जी की कार आ गयी
भूल गए क्या हम सब की सरकार आ गयी
हाथ जोड़ कर करने लगे सभी अभिवादन
जिंदाबाद के नारे से करते अभिनन्दन
कुछ लोगों ने उनको एक माला पहनाया
तब मंगरू ने उस माला पर नज़र घुमाया
माला में इक इक हज़ार के नोट जड़े थे
देख नज़ारा मंगरू के अब कान खड़े थे
उसको याद आ गए अपने भूखे बच्चे
जो अब तक थे अबोध और मन के सच्चे
उम्मीद भरी नज़रों से सब कुछ देख रहा था
कम से कम इक तो दे देंगे, सोच रहा था
इन पैसों से मेरे बच्चों की भूख मिटेगी
कर लूँगा रोज़गार मेरी किस्मत चमकेगी
नेता जी ने दिया विरोधी पार्टी पर इक भाषण
आज हटा दूंगा मैं गरीबी और गरीब का शोषण
नहीं रहेगा कोई गरीब और गरीबी मिट जायेगी
मैं छोडूंगा एक मुहिम सारी चिंताएं हट जाएँगी
बड़ी बड़ी बातें कहकर तो नेताजी प्रस्थान कर गए
पर वो ऐसा क्या बोल गए की मंगरू को हैरान कर गए
मंगरू बहुत सोचकर बोला ये क्या मुहिम चलाएंगे
महंगाई गर और बढ़ गयी तो खुद गरीब मिट जायेंगे
कोई पड़ोसन शापिंग करके जब अपने घर आती है
मंगरू की पत्नी सरला, बस देख उन्हें ललचाती है
काश मेरा मंगरू भी अब इतना अमीर हो जाए
रोज़ करें शापिंग, मुझको गाड़ी में रोज़ घुमाये
सुबह सबेरे मंगरू को वो ताने रोज़ सुनाती है
पर मंगरू मेरा सौहर है, इतने में ही खुश हो जाती है
ऐसे ही कितने मंगरू रोटी के लिए तरसते हैं
लेकिन नेता जी के बादल, रिश्तों के लिए बरसते हैं ।
from: Hawaldr Goswami
from: Hawaldr Goswami
आदरणीय
अध्यक्ष महोदया,
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस,
महोदया , आपकी सरकार द्वारा लाया गया खाद्यान्न सुरक्षा बिल एक स्वागत योग्य कदम है तथा मानवता के हित में उठाया गया कदम सराहनीय कदम है /किन्तु महोदया इस बात की क्या व्यवस्था है की खाद्यान्न उचित व्यक्ति को ही मिल रहा है /
क्योंकि आपकी सरकार द्वारा लाया गया बिल रोजगार गारंटी योजना नरेगा का कार्यान्वयन ठीक नहीं है ,तथा वर्षो से चली आ रही राशन वितरण प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा तो कोटेदार ही उठाता है /क्योंकि चीनी ,केरोसीन को छोड़ राशन तो वर्ष में एक बार ही मिलता है/ कोटेदार ज्यादातर दबंग होते है ,जिससे गरीब व्यक्ति तो विरोध कर ही नहीं सकता ,यदि कोई अधिकारियो तक आवाज उठा भी दे तो ले दे कर बात ख़त्म /
अतः आपकी केंद्रीय सरकार से अनुरोध है की पहले यह व्यवस्था की जाय की कोई भी योजना चाहे किसी भी सरकार द्वारा लाई जाय या लाई जा रही है तो जिस मकसद से लाई गयी है सरकार का वह मकसद पूरा हो/
Thursday 22 December 2011
माननीया ,
मुख्यमंत्री जी
उत्तर प्रदेश सरकार
महोदया ,
पिछले दिनों आपकी सभा में मैं लखनऊ आया,लखनऊ का विकास और खूबसूरती देखकर मन मुग्ध हो गया ,मन में ख्याल आया ,काश मेरे जिले और गाँव का भी कुछ विकाश तो आपके नेत्रत्व में हुआ होता / लेकिन दुखद की ऐसा नहीं हुआ /आपके कार्यकाल में हमें एक सड़क तो मिली ,लेकिन गाँव के अन्दर के हालत तो ज्यो का त्यों ही है/गाँव सड़क छोड़ते ही स्पष्ट देखेने को मिलता है की न तो यहाँ पानी की बय्वस्था है ,न ही पानी निकष के लिए नाली की, जरा सी बरसात हुई की रस्ते कीचड़ से भर जाते हैं ऐसे में लोग गाँव में ही फँस जाते हैं ,गाँव मेबहुत पुराने कुओं का कोई सुधर नहीं हुआ ,
महोदया , आपको अवगत करा दे की इस विषय में कई बार प्रधान खंड विकाश अधिकारी जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया किन्तु कोई भी कार्यवाही नहीं हुई ,हमारे विधायक सांसद तो आज तक कभी न तो आये ना ही कुछ सुना ,ग्राम प्रधान की हालत तो यह है की एक वर्ष में नरेगा के तहत शिर्फ़ बीस हाजार रूपये का ही काम करा सके है ,राशन वितरण की भी स्थिति यह है की शिर्फ़ चीनी किरोसीन या चना दाल के शिवाय सायद ही कुछ मिले ,
अतः आपसे समस्त ग्रामीणों की तरफ से अनुरोध है की हमारा भी विकाश कराएँ ,हमारे अधिकार दिलाएं/
निवेदक
एक ग्रामीण
पुरे निर्मल गिरधर, धिन्ग्वस [ग्राम सभा -बीरबल ]
प्रतापगढ़
मुख्यमंत्री जी
उत्तर प्रदेश सरकार
महोदया ,
पिछले दिनों आपकी सभा में मैं लखनऊ आया,लखनऊ का विकास और खूबसूरती देखकर मन मुग्ध हो गया ,मन में ख्याल आया ,काश मेरे जिले और गाँव का भी कुछ विकाश तो आपके नेत्रत्व में हुआ होता / लेकिन दुखद की ऐसा नहीं हुआ /आपके कार्यकाल में हमें एक सड़क तो मिली ,लेकिन गाँव के अन्दर के हालत तो ज्यो का त्यों ही है/गाँव सड़क छोड़ते ही स्पष्ट देखेने को मिलता है की न तो यहाँ पानी की बय्वस्था है ,न ही पानी निकष के लिए नाली की, जरा सी बरसात हुई की रस्ते कीचड़ से भर जाते हैं ऐसे में लोग गाँव में ही फँस जाते हैं ,गाँव मेबहुत पुराने कुओं का कोई सुधर नहीं हुआ ,
महोदया , आपको अवगत करा दे की इस विषय में कई बार प्रधान खंड विकाश अधिकारी जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया किन्तु कोई भी कार्यवाही नहीं हुई ,हमारे विधायक सांसद तो आज तक कभी न तो आये ना ही कुछ सुना ,ग्राम प्रधान की हालत तो यह है की एक वर्ष में नरेगा के तहत शिर्फ़ बीस हाजार रूपये का ही काम करा सके है ,राशन वितरण की भी स्थिति यह है की शिर्फ़ चीनी किरोसीन या चना दाल के शिवाय सायद ही कुछ मिले ,
अतः आपसे समस्त ग्रामीणों की तरफ से अनुरोध है की हमारा भी विकाश कराएँ ,हमारे अधिकार दिलाएं/
निवेदक
एक ग्रामीण
पुरे निर्मल गिरधर, धिन्ग्वस [ग्राम सभा -बीरबल ]
प्रतापगढ़
Monday 12 December 2011
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